बुद्धिहीन तनु जानिके, सुमिरौं पवन-कुमार। राम दूत अतुलित बल धामा। अंजनि-पुत्र पवनसुत नामा॥ नारद सारद सहित अहीसा ॥१४॥ जम कुबेर दिगपाल जहाँ ते । होत न आज्ञा बिनु पैसारे ॥२१॥ सब सुख लहै तुह्मारी सरना । यह भी पढ़ें इंदौर के पितरेश्वर हनुमान धाम का इतिहास... प्रभु मुद्रिका मेलि मुख https://jeffreyglnoo.worldblogged.com/41024249/considerations-to-know-about-hanuman-chalisa