श्रीगुरु चरन सरोज रज, निज मनु मुकुरु सुधारि। सोई अमित जीवन फल पावै ॥२८॥ चारों जुग परताप तुह्मारा । ॐ नमो हनुमते रुद्रावताराय पंचवदनाय दक्षिण मुखे राम रसायन तुम्हरे पासा। सदा रहो रघुपति के दासा॥ हनुमान् यत्नमास्थय दुःख क्षयकारो भव॥ Additional like inviting Hanuman Ji to safeguard how you're thinking https://makeupartist93826.pages10.com/hanuman-chalisa-options-70277644